लखनऊ (22 मई)। डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ के सहायक प्रोफेसर डॉ. अब्दुल्ला नासिर को एशियन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल लॉ के दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपना शोध प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन का मुख्य विषय ‘एशिया और अंतर्राष्ट्रीय कानून’ ऐतिहासिक विरासत और प्रगतिशील विकास’ है, यह महत्वपूर्ण सम्मेलन 24 से 25 मई 2024 तक नार्कसोज विश्वविद्यालय, अल्माटी, कजाकिस्तान में आयोजित होगा।
इस सम्मेलन में डॉ. अब्दुल्ला नासिर का योगदान उनका शोध पत्र होगा जिसका शीर्षक है ‘सशस्त्र संघर्ष के दौरान पर्यावरण संरक्षण और स्वदेशी लोगों के अधिकार- लद्दाख की एक केस स्टडी’। यह पेपर लद्दाख के अनूठे संदर्भ पर ध्यान केंद्रित करते हुए पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी अधिकारों और सशस्त्र संघर्ष पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान करेगा।
सम्मेलन में कानून और पर्यावरण विशेषज्ञ भाग लेंगे। सम्मेलन में कजाकिस्तान गणराज्य के उच्च पदस्थ अधिकारी भाग लेंगे, जिनमें डैनियल विसोव (न्याय उप मंत्री), गुलनारा मुर्गिनोवा (कजाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश), विज्ञान और नवाचार पर कजाकिस्तान के राष्ट्रपति के सलाहकार कोन्सोलो जकारिया, साथ ही निकोले जुमाकानोव, (विदेश मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय कानून विभाग के निदेशक), रिपब्लिकन बार एसोसिएशन के प्रमुख, एडिन बैकबायेव आदि भी शामिल होंगे।
इस अवसर पर अपना आभार व्यक्त करते हुए डॉ. अब्दुल्ला नासिर ने कहा, ‘मुझे इस तरह के प्रतिष्ठित सम्मेलन में अपना शोध प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किए जाने पर बहुत गर्व है। यह सम्मेलन विचारों के आदान-प्रदान और अंतरराष्ट्रीय कानून के लिए एक मंच प्रदान करता है।’ लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ एशियाई परिप्रेक्ष्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। डॉ.
बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2023 में डॉ. अब्दुल्ला नासिर ने अमेरिका में इंटरनेशनल लॉ कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था। जिसमें भारत की ओर से भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी0 वाई चन्द्रचूड़ और डॉ. अब्दुल्ला शामिल हुए। उस सम्मेलन में शामिल होने पर अमेरिका ने डा. अब्दुल्लाह नासिर का 10 वर्ष का अमेरिका का वीज़ा दिया है।