- निजी बैंक के ब्रांच मैनेजर तथा दो सेल्स अफसरो को गिरफ्तार करते हुए पहुंचाया सलाखों के पीछे, चार दिन के पुलिस रिमांड पर आरोपी
चंडीगढ़ (रिपोर्ट नौशाद)
चंडीगढ़ 4 मार्च। गुरुग्राम पुलिस ने साइबर ठगी में संलिप्त निजी बैंक के बैंक मैनेजर सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों को न्यायालय में पेश करते हुए चार दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए सहायक पुलिस आयुक्त साइबर गुरुग्राम प्रियांशु दीवान ने बताया कि 12 अप्रैल 2023 को गुरुग्राम पुलिस के साइबर थाना अपराध पूर्व में इस मामले को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायतकर्ता द्वारा दी गई शिकायत में बताया गया कि उन्हें 10 अप्रैल 2023 को किसी अनजान व्यक्ति ने एक प्रसिद्ध पार्सल कंपनी एक कर्मचारी का परिचय देते हुए उन्हें कॉल किया। कर्मचारी द्वारा फोन पर बताया गया और मुंबई पुलिस के एक बड़े अधिकारी का नाम लेकर उससे बात करवाई जिसने शिकायतकर्ता को बताया कि उनके नाम से एक पार्सल गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होना पाया गया है तथा इस केस से शिकायतकर्ता का नाम हटाने के नाम पर 9 लाख 21 हज़ार 500 की ठगी की गई। प्राप्त शिकायत के आधार पर थाना साइबर अपराध पूर्व, गुरुग्राम में संबंधित धाराओं के तहत अभियोग संख्या 65 अंकित किया गया।
इस मामले में कार्रवाई करते हुए सहायक पुलिस आयुक्त साइबर गुरुग्राम के निर्देशानुसार आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम तैयार की गई। इस मामले में टीम ने कार्यवाही करते हुए इन तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की। आरोपियों की पहचान मोहम्मद मुकीम, अनकेश व रोशन कुमार के रूप में हुई है। आरोपी मोहम्मद मुकीम वर्तमान में एक निजी बैंक की लाजपत नगर दिल्ली स्थित ब्रांच में ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत है जबकि अन्य दोनों आरोपी सेल्स ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं।
पुलिस पूछताछ : आरोपियों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त आरोपी निजी बैंक में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। आरोपियों ने धोखाधड़ी से फर्जी दस्तावेज तैयार करके बैंक में खाते खोले तथा बैंक खाता खोलने के नाम पर 2 लाख रुपए चौथे आरोपी सुहेल अकरम से प्राप्त किए थे और प्राप्त राशि बराबर-बराबर आपस में बांट ली। ठगी गई राशि में से 1,52,000 रुपए की राशि आरोपियों द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाता में ट्रांसफर की गई थी। आरोपी सुहेल की तलाश जारी है।
ये सभी आरोपी धोखाधड़ी से अकाउंट खोलते थे और पैसे ले कर साइबर ठगों को बेच देते थे। इन आरोपियों द्वारा अन्य कितने खाते खोले गए है एवम प्रति खाते कितने रुपए लिए है, एवम अन्य और कौन इस गिरोह में शामिल है, इसकी जांच जारी है।