आम जनता को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक होने की ज़रूरत है। (शत्रुजीत कपूर DGP haryana)

चंडीगढ़, हरियाणा – प्रदेश में साइबर तकनीक व आम आदमी की ज़िन्दगी में उसका उपयोग बढ़ा है उतनी ही तेजी से जालसाजों का यहां नेटवर्क भी बढ़ा है। स्थिति यह है कि प्रदेश में औसतन साइबर ठगी की रोज़ 1000 से अधिक कॉल्स आ रही है जो किसी न किसी तरह से साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। इस तरह के मामले लगातार बढ़ ही रहे हैं। डिजिटल दुनिया में साइबर अपराधियों ने ठगी के नए नए तरीके भी इज़ाद किये है। हरियाणा पुलिस विभाग ने एक हाल ही में जारी की गई एडवाइजरी में प्रदेश भर में आम जनता को निशाना बनाने वाली साइबर अपराध की नई नई मोडस ऑपरेंडी पर व उनसे बचाव के बारे में बताया गया है। प्रदेश के पुलिस प्रमुख श्री शत्रुजीत कपूर ने आगे बताया कि अपनी पहचान छिपाकर किए जाने वाले अपराधों के मामले (इंपर्सन ओरिएंडेट क्राइम) व फेक नौकरी के ऑफर से की जाने वाली ठगी के केस सबसे ज्यादा देखे जा रहे है। आम जनता को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक होने की ज़रूरत है।

एडीजीपी साइबर ओ पी सिंह, आईपीएस ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में आजकल साइबर ठगों द्वारा अपनाई जा रही नवीन मोडस ऑपरेंडी के बारे में बताया गया है। उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि एडवाइजरी में एक ख़ास मोडस ऑपरेंडी के बारे में बताया गया है जहाँ साइबर ठग खुद को कोई पुलिस अधिकारी या किसी बड़ी निजी कम्पनी के मालिक के तौर पर पेश करते है। ऐसा ही एक केस आया था जिसमें एक प्रसिद्ध पार्सल कम्पनी के नाम पर एक कूरियर डिलीवर किया गया जिसमें कथित तौर पर अवैध पदार्थ थे, जहाँ पीड़ितों को जांच के नाम पर डराया गया और पैसों की मांग की गई।

इसके अलावा, ग्राहक सेवा यानि की कस्टमर केयर के नाम पर बढ़ती धोखाधड़ी के केस भी एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गया है। कई व्यक्ति, इंटरनेट कस्टमर केयर के नंबर ढूंढने में साइबर ठगों से संपर्क कर बैठते है। ये साइबर ठग कस्टमर केयर कर्मचारी बन कर पीड़ित से साइबर ठगी को अंजाम देते है। इसके अलावा एडवाइजरी में ऑनलाइन जॉब धोखाधड़ी के बारे में भी बताया गया है, जहां साइबर अपराधी फर्जी जॉब पोर्टल बनाते हैं या प्रसिद्ध कंपनियों के अधिकारी बन जॉब के नाम पर पैसे की डिमांड करते है। बिना सोचे-समझे नौकरी चाहने वालों को संवेदनशील जानकारी साझा करने या पंजीकरण शुल्क या प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए पैसे लेकर ठगी की जाती है।
एडवाइजरी में ऐसे ही एक अन्य मोडस ऑपरेंडी के बारे में बताया गया है जिसमें टास्क देने नाम पर धोखाधड़ी की जाती है। ऐसे टास्क अक्सर टेलीग्राम पर दिए जाते है जहां पीड़ितों को अलग अलग टास्क के नाम पर पैसे कमाने का लालच दिया जाता है। इसके अलावा निवेश की धोखाधड़ी भी बढ़ रही है।

एडवाइजरी में व्यक्तिगत या संवेदनशील वित्तीय जानकारी मांगने पर सतर्क रहे। किसी भी फ़ोन पर आपका अपना बनकर या कोई अधिकारी बनकर आपसे जानकारी मांगता है तो तुरंत उस नंबर की शिकायत करें। प्रदेश के साइबर यूनिट प्रमुख एडीजीपी ने बताया कि किसी भी अनजान वेबसाइट पर अपनी जानकारी साझा ना करें और ना ही किसी अनजान एप्लीकेशन को फ़ोन में इनस्टॉल करें। आम जनता को यह भी सलाह दी जाती है कि वे अनचाहे नौकरी प्रस्तावों या निवेश के अवसरों पर आँख मूंद कर विश्वास ना करें। “हरियाणा पुलिस साइबर अपराध से निपटने और हरियाणा के नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इस एडवाइजरी को जारी करने का और आम जनता को जागरूक करने का लक्ष्य ही प्रदेश पुलिस के प्रतिबद्धता को दिखाता है। साइबर प्रमुख ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को जैसे ही धोखाधड़ी का पता चले तो तुरंत साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर रिपोर्ट करे। उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म विकसित हो रहे हैं, वैसे-वैसे साइबर अपराधियों की रणनीति भी बदल रही है। जनता को शिक्षित करने और उनकी सुरक्षा करने के हरियाणा पुलिस के प्रयास भी डिजिटल युग में और बेहतर किये जा रहे है।

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश पुलिस की साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) ने पीड़ितों को पिछले साल चौबीसों घंटे सहायता प्रदान की। पिछले साल साइबर हेल्पलाइन टीम ने तक़रीबन 4.11 लाख कॉल्स को अटेंड किया। वर्तमान में 1930 हेल्पलाइन पर 70 प्रशिक्षित अधिकारियों को तैनात किया गया है। साइबर हेल्पलाइन टीम ने तत्पर कार्य करते हुए 76.85 करोड़ रुपये को जालसाजों के खातों में स्थानांतरित होने से रोका गया और तुरंत खातों में फ्रीज़ कर दिया गया। वहीँ पुलिस प्रवक्ता ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पिछले वर्ष 1.15 लाख शिकायतें दर्ज की गई और 2,747 केस दर्ज किए गए। वहीँ पिछले वर्ष 1,909 साइबर अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे भिजवाया गया। वहीँ साइबर ठगी के संवेदनशील मामलों में पुलिस ने स्वत संज्ञान लेते हुए 86 केस दर्ज किए गए। इसके अतिरिक्त प्रदेश पुलिस ने 532 उच्च-मूल्य मामलों को प्राथमिकता देते हुए साइबर अपराध पर वार किया है।

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