समाजवादी पार्टी के ही नेता क्यों छोड़ रहे हैं अखिलेश यादव का साथ ?

 (शिब्ली रामपुरी)

काफ़ी दिन से राजनीतिक तौर पर एक बड़ी चर्चा चल रही थी कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का साथ अब राष्ट्रीय लोकदल छोड़ने जा रहा है और जल्दी ही रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी भाजपा से गठबंधन करने जा रहे हैं और अब तय ही हो चुका है कि जयंत चौधरी सपा सुप्रीमो का साथ छोड़ ही चुके हैं सिर्फ़ घोषणा ही होनी बाक़ी है.
अखिलेश यादव को राजनीतिक तौर पर एक के बाद एक झटके लगने अब आम सी बात हो गई है.सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी सियासी कुशलता और सबको साथ लेकर चलने की कार्यशैली हमेशा याद की जाएगी दूसरी ओर उनके ही पुत्र और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का साथ एक के बाद एक समाजवादी पार्टी के नेता छोड़ रहे हैं और अगर हम पिछले कुछ वर्ष पर नजर डालें तो सामने आता है कि अखिलेश यादव का साथ कैसे सपा के कई नेताओं ने छोड़ दिया.


उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान कई बड़े दिग्गज नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे और कई नेताओं ने तो उस दौरान एक बार फिर से सपा में वापसी की थी उस समय सबको यह लगा था कि समाजवादी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्ता तक पहुंचेगी लेकिन समाजवादी पार्टी सत्ता से दूर रही हालांकि वह पहले से ज्यादा मजबूत होकर सामने आई.
इसी साल लोकसभा चुनाव होने हैं और चुनाव का बिगुल बजने से पूर्व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के सामने काफी परेशानियां खड़ी हैं जिनमें सबसे प्रमुख समस्या एक के बाद एक सपा छोड़कर जाने वाले लोगों को लेकर है. समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन में शामिल है जिनमें सर्वे सर्वा के तौर पर कांग्रेस का नाम सामने आता है लेकिन कांग्रेस से सपा की तल्ख़ी किसी से छिपी नहीं है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच की कड़वाहट सब देख चुके हैं कि किस तरह से दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप लगाए थे और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के खिलाफ भी जमकर प्रचार किया था. अभी हाल ही में लोकसभा चुनाव की कई सीटों पर अखिलेश यादव ने बगैर कांग्रेस को विश्वास में लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर सबको चौंका दिया हैं जिससे साफ एहसास होता है कि अखिलेश यादव अपनी मनमर्जी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सीटें दे रहे हैं और कांग्रेस की मर्जी यहां पर नहीं चल रही है?


अखिलेश यादव एक अच्छे नेता हैं और मौजूदा वक्त में पूरी समाजवादी पार्टी की जिम्मेदारी अखिलेश यादव के कांधो पर ही नजर आती है. यूपी में बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर मीडिया में इंटरव्यू देने से लेकर हर बड़ा फैसला समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव खुद ही करते हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव में शानदार सफलता की बात करते हैं लेकिन क्या समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में शानदार तरीके की कामयाबी हासिल कर सकेगी तो इसके बारे में कुछ भी कहना फिलहाल जल्दबाजी ही होगी ऐसा इसलिए है क्योंकि समाजवादी पार्टी के कई नेता दूसरी पार्टियों में जा चुके हैं और बताया जाता है कि कई नेता अभी सही मौके की तलाश में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को गंभीरता से सोचना होगा कि आखिर क्या वजह है कि एक के बाद एक सपा के कई नेता उनका साथ छोड़ चुके हैं और कई साथ छोड़ने की तैयारी में हैं.

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