असदुद्दीन ओवैसी-ऐसे लीडर जिनको सुनने ही नहीं देखने को भी उमड़ती है भीड़

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की बात है कि जब सहारनपुर में असदुद्दीन ओवैसी की एक जनसभा का आयोजन हुआ और उसमें भारी भीड़ उमड़ी यहां तक कि आसपास के जिलों से भी लोग असदुद्दीन ओवैसी को सुनने और उनको देखने के लिए पहुंचे थे.
उस समय एक अखबार के लिए न्यूज़ कवरेज के दौरान कुछ लोगों ने वहां पर बताया कि वह काफी दूर से आए हैं और सिर्फ असदुद्दीन ओवैसी को सुनने और उनको देखने के लिए आए हैं. उन लोगों का यह कहना था कि ओवैसी साहब को हम टीवी पर देखते रहते हैं लेकिन वह सहारनपुर आए तो हम उनको देखने और उनको सुनने के लिए यहां पर आए हैं इससे आप समझ सकते हैं

कैसे असदुद्दीन ओवैसी के प्रति लोगों में कितनी दीवानगी है और इसमें कोई दो राय भी नहीं है कि ओवैसी एक काबिल नेता हैं वह जब बोलते हैं तो उनके विरोधी भी उनको सुनते हैं हालांकि यह बात अपनी जगह है कि तमाम कोशिशो के बावजूद भी असदुद्दीन ओवैसी को अभी उनके राजनीतिक क्षेत्र हैदराबाद(तेलंगाना)से बाहर के राज्यों में उतनी कामयाबी नहीं मिल सकी है लेकिन इतना जरूर है कि असदुद्दीन ओवैसी कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में कामयाब रहते हैं.

जहां तक उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में उनके कामयाब न होने की वजह है तो इसके पीछे एक बड़ा कारण यह है कि असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों के नाम पर सियासत तो करते हैं और वह मुसलमानों के हर मुद्दे पर बेबाकी से बोलते भी हैं लेकिन इन तमाम प्रयासों के बावजूद भी असदुद्दीन ओवैसी पर इल्जाम लगता है कि वह भाजपा की बी टीम हैं और भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए ही वह चुनावी मैदान में उतरते हैं ताकि भाजपा को नुकसान पहुंचाने वाली पार्टियों को वह नुकसान पहुंचा सके और भाजपा कामयाब हो सके. इस आरोप के जवाब में असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं कि मैं जहां पर चुनाव नहीं लड़ता हूं वहां पर भी भाजपा कैसे जीत जाती है यह उन लोगों को बताना चाहिए जो मुझ पर भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगाते हैं. लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर सियासत में कदम रखने वाले असदुद्दीन ओवैसी को बोलने में महारत हासिल है बल्कि उनके जैसा बोलने वाला नेता शायद मौजूदा पॉलिटिक्स में दूसरा कोई होगा?

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