उत्तराखंड पुलिस ने 4611 गुमशुदाओं को मिलवाया अपने परिवारों से
वर्ष 2015 से प्रारम्भ हुए ऑपरेशन स्माइल ने अब तक 2486 बच्चे, 1207 महिला एवं 918 पुरूषों सहित कुल 4611 लोगों को उनके परिजनों से मिलाया है।
दिनांक 16.11.2023 को श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड के अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में ऑपरेशन स्माइल के समस्त नोडल अधिकारियों व टीम प्रभारियों के साथ समीक्षा गोष्ठी आयोजित की गयी।
श्री अशोक कुमार ने सभी जनपदों की ऑपरेशन स्माइल की टीमों को बधाई देते हुए कहा कि आप लोगों की मेहनत से ऑपरेशन स्माइल का ये 12वां चरण सबसे अधिक सफल रहा। ऑपरेशन स्माइल पुलिस की संवेदनशीलता का चेहरा दिखाता है। साथ ही ऑपरेशन स्माइल पीड़ित केंद्रित पुलिस का सर्वोत्तम उदाहरण है।
श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड के निर्देशन में दिनांक 01.09.2023 से दिनांक 31.10.2023 तक 02 माह का ऑपरेशन स्माइल अभियान चलाया गया।
अभियान का मुख्य उद्देश्य गुमशुदा बच्चों के साथ-साथ गुमशुदा पुरूषों व महिलाओं को भी तलाश कर, उनके परिजनों के सुपुर्द करना अथवा सम्बन्धित विभाग के माध्यम से उनका पुनर्वास करना, बच्चों, महिलाओं व पुरूषों के विरूद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम करना तथा उन्हें अपराधों में संलिप्त होने से रोकना है।
गोष्ठी के प्रारम्भ में पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा अभियान के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी। जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल में चार टीम) का गठन किया गया, जिसमें से 01 टीम एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की थी।
शेष जनपदों में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा उक्त अभियान को चलाया गया। रेलवेज में भी एक टीम का गठन किया गया। प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4 को नियुक्त किया गया। प्रत्येक तलाशी टीम में गुमशुदा/बरामद बच्चों व महिलाओं से पूछताछ हेतु एक महिला पुलिस कर्मी को भी अनिवार्य रूप से नियुक्त किया गया। प्रत्येक टीमों की सहायता हेतु 01-01 विधिक (अभियोजन अधिकारी) एवं टेक्निकल टीम (डी0सी0आर0बी0) का भी गठन किया गया
(उपरोक्त तलाशी टीमों के अतिरिक्त)। अभियान में अन्य सम्बन्धित विभागों/संस्थाओं का भी सहयोग अवश्य लिया गया। जनपद के ऐसे स्थान जहां गुमशुदाओं के मिलने की सम्भावना अधिक है, जैसे शेल्टर होम्स/ढाबे/कारखाने/बस अड्डे/रेलवे स्टेशन/धार्मिक स्थानों/आश्रमों आदि में अभियान को चलाया गया।
गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश/सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से भी किया गया। अभियान में कुल 265 बच्चे (बालक 144, बालिका 121), 488 पुरूष व 603 महिलाओं (कुल 1356 गुमशुदा) को बरामद किया गया। बरामद 1356 गुमशुदाओं में 1169 पंजीकृत (उत्तराखण्ड राज्य के-1153, अन्य राज्य-16) एवं 187 अपंजीकृत (उत्तराखण्ड राज्य के-129, अन्य राज्य-58) हैं। जनपद हरिद्वार द्वारा सर्वाधिक 385 गुमशुदाओं को बरामद किया गया।
गोष्ठी के दौरान अभियान में शामिल पुलिस कर्मियों एवं बरामद गुमशुदाओं के परिजनों द्वारा ऑपरेशन स्माइल के सम्बन्ध में अपने अनुभव साझा किए। अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली टीम प्रभारियों को पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
वर्ष 2015 से प्रारम्भ हुए ऑपरेशन स्माइल ने अब तक 2486 बच्चे, 1207 महिला एवं 918 पुरूषों सहित कुल 4611 लोगों को उनके परिजनों से मिलाया है।
उक्त समीक्षा गोष्ठी में पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- श्री ए पी अंशुमान, पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- श्री प्रमोद कुमार, समस्त नोडल अधिकारी व समस्त टीम प्रभारी उपस्थित रहे।
ऑपरेशन स्माइल 2023 में बरामद गुमशुदाओं का विवरण
(दिनांक- 01-09-23 से 31-10-2023)
जनपद बालक बालिका पुरूष महिला योग
देहरादून 248
हरिद्वार 385
ऊधमसिंहनगर 266
नैनीताल 110
पौड़ी 85
टिहरी 88
उत्तरकाशी 24
चमोली 40
रूद्रप्रयाग 12
अल्मोड़ा 33
पिथौरागढ़ 32
बागेश्वर 6
चम्पावत 30
रेलवेज 17
कुल योग 1356