जुलाई 2021 से लेकर अगस्त 2023 तक प्राप्त हुई 1.22 करोड़ कॉल, अन्य सेवाओं को भी किया गया है इंटीग्रेट‘
हरियाणा की सभी 628 ईआरवी है जीपीएस सुविधा से लैस, विलंब से पहुंच रही गाड़ियों से मांगा जा रहा है स्पष्टीकरण‘
चंडीगढ़ हरियाणा, 29 सितंबर। प्रदेश में डायल 112 सेवा शुरू होने के उपरांत इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल यानि ईआरवी द्वारा लोगों को समय पर पहुँचाई जा रही मदद से एक तरफ जहां लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास और बढ़ा है, वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली में भी काफी पारदर्शिता आई है। डायल 112 हेल्पलाइन के माध्यम से कॉल करने वाले व्यक्ति को त्वरित राहत पहुँचाई जा रही है। विभागीय कार्रवाई के तहत ड्यूटी में कोताही बरतने वाले पुलिस कर्मचारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा जा रहा है। अगस्त माह में प्रदेश में डायल 112 हेल्पलाइन पर कॉल करने वाले लोगों को अनुमानतः 8 मिनट 28 सेकंड में पुलिस मदद पहुँचाई गई है जोकि एक रिकॉर्ड समय है।
’92.92 प्रतिशत कॉलर्स ने संतुष्टि दिखाते हुए पुलिस विभाग का जताया आभार ’
हरियाणा पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर ने बताया कि विभाग द्वारा डायल-112 हेल्पलाइन के लिए कॉलर तक शहरी क्षेत्र में 15 मिनट व ग्रामीण क्षेत्र में 20 मिनट के अंदर पहुँचने की समय सीमा तय की गई है। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम में 12 जुलाई 2021 से लेकर 30 अगस्त 2023 तक 1 करोड़ 22 लाख लोगों ने पुलिस सहायता के लिए कॉल किया जिनमें से ईआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों के कार्य से 92.92 प्रतिशत कॉलर्स ने संतुष्टि जाहिर की है। उन्होंने इस कार्य के लिए पुलिसकर्मियों को शुभकामनाएं दी।
’विलंब से पहुंची गाड़ियों से मांगा जा रहा है स्पष्टीकरण’
श्री कपूर ने बताया कि डायल-112 सेवा की शुरुआत के साथ ही एक नियम यह भी जोड़ा गया है कि त्वरित सेवा में विलंब होने पर संबधित ईआरवी के स्टाफ से इसका स्पष्टीकरण लिया जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में डायल -112 के क्षमता निर्माण लिए 5 हजार से अधिक स्टाफ को प्रशिक्षित करते हुए नियुक्त किया गया है ताकि इस पर प्राप्त होने वाली शिकायतो का तत्परता से निवारण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि ईआरवी निर्धारित समयावधि तक घटनास्थल पर नही पहुंच पाती तो विभागीय कार्रवाई के तहत उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाता है।
’ सभी 628 ईआरवी जीपीएस से है लैस, ट्रेस करना आसान, ’सभी ईआरवी पर तैनात कुल 5000 पुलिसकर्मी’
श्री कपूर ने बताया कि डायल 112 सेवा में कार्यरत सभी 628 ईआरवी जीपीएस सिस्टम से लैस है जिससे सभी ईआरवी को ट्रेस करने में आसानी रहती है। श्री कपूर ने बताया कि सभी ईआरवी पर 24 घंटे में दो शिफ्ट के तहत कुल 5000 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। एक शिफ्ट में एक वाहन पर 3 पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
’चार भाषाओं में सेवा दे रही है डायल 112 हेल्पलाइन’
हेल्पलाइन 112 पर शिकायतकर्ता चार भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, हरियाणवी व पंजाबी में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है, इसके लिए कंट्रोल रूम में विशेष रूप से प्रशिक्षित लोगों की नियुक्तियां की गई है।
विभिन्न प्रकार की सेवाओं को किया गया है इंटीग्रेट
उन्होंने कहा कि अब आपातकालीन सेवाओं के लिए अलग अलग नम्बर डायल करने की बजाय आपात सेवाएं पुलिस, अग्निशमन, ट्रेफिक, साइबर हेल्पलाइन, एनएचएआई, आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन, मैडिकल हेल्पलाइन व एम्बुलेंस के लिए अपने फ़ोन से 112 डायल कर इसका लाभ ले सकते है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने पुलिस की आपात सेवा डायल 100, अग्निशमन के लिए 101 व मैडिकल सर्विसिज के लिए डायल 108, ट्रेफिक हेल्पलाइन के लिए 1073, साइबर हेल्पलाइन के लिए 1930, महिला हेल्पलाइन के लिए 1091, एनएचएआई के लिए 1033, आपदा प्रबंधन के लिए के लिए हेल्पलाइन नंबर- 1077 व 1070 सेवा को मर्ज कर डायल 112 से जोड़ दिया है। अब किसी भी आपात स्थिति में इस नंबर को डायल कर उपर्युक्त सेवाओं का लाभ ले सकते है।
’आपात स्थिति में एम्बुलेंस की सेवा भी दे रही है ईआरवी’
श्री कपूर ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं जैसी स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति के लिए डायल 112 वाहन में स्ट्रेचर आदि की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि डायल 112 से जुड़ी ईआरवी में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को यह निर्देश दिए गए है कि स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति में एम्बुलेंस का इंतजार किए बिना डायल 112 ईआरवी के माध्यम से संबंधित व्यक्ति को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया जाए।
’कैसे काम करती है डायल 112’
आपात स्थिति में किसी भी व्यक्ति द्वारा यह नंबर डायल करने पर उसकी कॉल सीधी पंचकूला में बनाए गए कंट्रोल टावर में कनेक्ट होगी। कंट्रोल टावर से कॉल जुड़ने के पश्चात कॉल को संबंधित व्यक्ति के नजदीकी इमरजेंसी रेस्पांस व्हीकल से कनेक्ट कर इसकी जानकारी प्रदान की जाएगी।
श्री कपूर ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के माध्यम से आपात स्थिति में कॉल करने वाले व्यक्ति तक शहरी क्षेत्र में 15 मिनट व ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट में आपात सेवाएं पहुँचाकर उसकी हर संभव मदद की जा रही है