हरियाणा पुलिस ने इंटरपोल मानकीकृत डिजिटल प्रारूप का उपयोग कर क्रोएशिया में मृत शरीर की करवाई पहचान

सीबीआई और इंटरपोल के माध्यम से तेजी से किए गए प्रयासों से जिला कुरुक्षेत्र में रहने वाली माता के डीएनए का मिलान कर हुई मृत बेटे की पहचान

चंडीगढ़,फरवरी 18 – हरियाणा पुलिस द्वारा अपनी तरह के एक पहले मामले में सभी स्तरों पर सीबीआई और इंटरपोल अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए मृत शरीर के साथ एक रक्त के रिश्तेदार के डीएनए का मिलान कर विदेश में एक मृत शरीर की पहचान करवाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहा बताया कि जिला कुरूक्षेत्र से संबंिधत इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के मामले मंे डीएनए की जांच में पुलिस द्वारा एमएलएटी (पारस्परिक कानूनी सहायता संधि) या एलआर (लेटर रोगेटरी) जैसी लंबी प्रक्रियाओं का सहारा नहीं लिया गया।
यह पहली बार है कि इंटरपोल मानकीकृत डिजिटल प्रारूप का उपयोग कर 24Û7 इंटरपोल चैनलों के माध्यम से डीएनए मिलान का ऐसा मामला सामने आया है। प्रारंभ में, हरियाणा पुलिस ने डीएनए का एक भौतिक नमूना भेजा था जिसे इंटरपोल चैनलों के माध्यम से नहीं भेजा जा सका। हालाँकि बाद में, हरियाणा पुलिस द्वारा डिजिटल प्रारूप डीएनए प्रोफाइल को इंटरपोल मानकीकृत प्रारूप में एकत्र किया गया और हरियाणा पुलिस ने सीएफएसएल चंडीगढ़ से डीएनए का डिजिटल प्रोफाइल प्राप्त किया और उसी दिन इंटरपोल के 24Û7 चैनलों के माध्यम से क्रोएशिया को प्रेषित किया गया।
परमजीत कौर निवासी जिला कुरूक्षेत्र द्वारा इस संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका बेटा परमिंदर इटली जाना चाहता था। इस संबंध में सभी औपचारिकताओं के बाद उन्हें पता चला कि उनका बेटा सर्बिया पहुंच गया है और उसके बाद उसे हवाई मार्ग से इटली भेजा जाएगा। उन्हें सूत्रों से यह भी पता चला कि क्रोएशिया में एक अज्ञात शव मिला है, जिस पर उन्हें अपने बेटे परमिंदर सिंह का संदेह था। शिकायतकर्ता ने आशंका जताई कि संभवतः पैसे के लालच में आरोपी गौरव गुप्ता व अन्य ने उसके बेटे की हत्या की है। उपरोक्त शिकायत के आधार पर पुलिस स्टेशन सिटी पिहोवा में प्राथमिकी संख्या 111 दिनांक 13.04.2022, धारा 406, 420 आईपीसी और 10 और 24 के तहत एक औपचारिक मामला दर्ज किया गया।
इसके बाद, संदिग्ध मृतक परमिंदर के परिजनों द्वारा क्रोएशिया में उसके शरीर की पहचान के लिए उच्च न्यायालय में मामला दायर किया गया। दिनांक 21.11.2022 के उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में, परमजीत कौर (परमिंदर सिंह की मां) का डीएनए नमूना कुरुक्षेत्र पुलिस द्वारा सीएचसी, पिहोवा, कुरुक्षेत्र के माध्यम से लिया गया और डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए सीएफएसएल, सेक्टर-36 चंडीगढ़ भेजा गया। तत्पश्चात सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए, परमजीत कौर की डीएनए प्रोफाइल जमा करने के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय की संबंधित विभाग से संचार किया गया।
सीबीआई-आईपीसीयू (केंद्रीय जांच ब्यूरो-अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई) ने एनसीबी-जगरेब (क्रोएशिया) के साथ किए गए संचार और विषय की पहचान करने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए उच्च न्यायालय में एक स्टेटस रिपोर्ट दायर की थी।
सीबीआई ने इंटरपोल का डिजिटल डीएनए प्रारूप हरियाणा पुलिस के साथ साझा किया और ब्ल्ड रिश्तेदार यानी परमजीत कौर का डिजिटल डीएनए प्रारूप प्राप्त किया। इसे एनसीबी जाग्रेब (क्रोएशिया) को ईमेल किया गया। एनसीबी-नई दिल्ली द्वारा एनसीबी जगरेब (क्रोएशिया) को डीएनए अनुक्रम मेल किया गया। इसका क्रोएशियाई अधिकारियों द्वारा मिलान किया गया और सकारात्मक पहचान 13.02.2023 को दी गई। इसकी सूचना हरियाणा पुलिस और मृतक के परिजनों को भी दी गई। एनसीबी-जगरेब (क्रोएशिया) ने डिजिटल डीएनए प्रोफाइलिंग के आधार पर परमिंदर सिंह के संदिग्ध अज्ञात शव की सकारात्मक पहचान की सूचना दी।
इन घटनाक्रमों से मृतक के परिजनों को अवगत करा दिया गया है। हालांकि मृत शरीर को क्रोएशियाई सरकार के अधिकारियों द्वारा पहले ही दफनाया जा चुका है, परिवार के सदस्य अब भारत सरकार की सहायता से क्रोएशिया से अंतिम नश्वर अवशेषों का दावा करने के लिए आगे बढ़ेंगे।

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