भ्रष्टाचारी लाइसेंस क्लर्क को मिली कोर्ट से 5 साल की सजा

आर्म्स लाइसेंस जारी करने के एवज में ली थी घूस

रिपोर्ट नफीस उर रहमान
चण्डीगढ़, हरियाणा 31 जनवरी – नारनौल उपायुक्त कार्यालय में तैनात तत्कालीन लाइसेंस क्लर्क को एक व्यक्ति से 5,000 रुपये की रिश्वत लेने के पांच साल से भी कम समय में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नारनौल की अदालत ने दोषी ठहराते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई है।
हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि अदालत ने दोषी कर्मचारी पर 9000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
दोषी की पहचान नारनौल के उपायुक्त कार्यालय में लाइसेंस क्लर्क (पीएलए शाखा) के पद पर तैनात रामफल के रूप में हुई है। उसे विजिलेंस टीम ने 30 मई 2018 को रेड के दौरान गिरफ्तार किया था। महेंद्रगढ़ जिले की तहसील अटेली निवासी फरियादी से आरोपी शस्त्र लाइसेंस जारी करने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था।
जब शिकायतकर्ता ने संबंधित अथाॅरिटी द्वारा अनुमोदित अपने शस्त्र लाइसेंस को लेने के लिए डीसी कार्यालय से संपर्क किया तो आरोपी लाइसेंस क्लर्क ने लाइसेंस जारी करने के लिए 5,000 रुपये रिश्वत की मांग की। इस दौरान शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई। जवाब में टीम ने जाल बिछाया और लाइसेंस क्लर्क को 5 हजार रुपये लेते ही काबू कर लिया।


अदालत ने दोषी कर्मचारी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत चार साल की कैद और 4000 रुपये का जुर्माना और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत 5000 रुपये के जुर्माने के साथ पांच साल की कैद की सजा सुनाई है। आरोपी के खिलाफ वर्ष 2018 में मामला दर्ज हुआ था।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *