वारी गाडिय़ां बनी मालवाहक गाडिय़ां, लोगों की जिन्दगी से कर रही खिलवाड़

सड़क सुरक्षा माह के दूसरे दिन ही सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा मंत्र का बनाया मजाक

🔹पुलिस के नजरंदाज रवैये से मालवाहक वाहन चालकों के हौसले बुलंद,मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं का कर रहे उल्लंघन

✍️धीरेन्द्र सिंह राणा

फ़तेहपुर। जनपद के राधानगर क्षेत्र में माल वाहक वाहनों का सवारी वाहनों के रूप में इस्तेमाल खुले आम किया जा रहा है। अतिरिक्त कमाई के लालच में छोटे हाथी और पिक अप जैसे माल वाहक वाहनों में यात्रियों को भेड़, बकरियों की तरह बैठाते हुए नवसृजित थाने के सामने ही यातायात नियमों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। जबकि सरकार की तरफ से एक नोटिस भी जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि इस तरह माल वाहन में यात्रियों को बैठाना उनकी जान को खतरे में डालना है। पर इस तरह राधानगर क्षेत्र में मालवाहक चालक पुलिस को चुनौती देकर खुलेआम दुघर्टनाओं को दावत दे रहे हैं और थाना पुलिस भी मूकदर्शक बनी है। वहीं क्षेत्रीय लोगो का कहना है कि दुर्घटना हो जाने के बाद पुलिस लीपापोती कर देगी और अफसर जांच का आश्वासन देकर जिम्मेदारियों से इतिश्री कर लेंगे। पर अभी इन पर नकेल नही कसेंगे। बता दें कि जनपद में पुलिस की तैनाती शहर के ज्यादातर चौक-चौराहों में होने के बावजूद भी ऐसे वाहनों पर पुलिस नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही हैं। और तो और राधानगर थाने के सामने से ऐसे मालवाहक वाहन चालक सवारियां बैठा कर निकल रहे है। जबकि मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मालवाहक वाहनों को सिर्फ सामान ढोने के लिए ही प्रयोग में लाया जा सकता है। इनमे सवारियां लाना ले जाना गैर कानूनी है। बावजूद इसके नियमों का उल्लंघन खुलेआम किया जा रहा है। पुलिस भी इन मालवाहक वाहनों में यात्रियों को ढोने के मामले में सख्ती से कार्यवाही नही कर रही जिसके कारण ऐसे लोगों के हौसले बुलंद है। वैसे तो शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर बेहतर पुलिसिंग व सुदृढ़ यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस के जवान तैनात रहते हैं, पर इस तरह मालवाहक वाहन द्वारा खुलेआम सवारी बैठा कर थाने के सामने से निकलना और ऐसे वाहनों के प्रति किसी तरह की कोई कार्यवाही न होना बड़ी बात है। वो भी जब सड़क सुरक्षा जागरूकता माह चल रहा हो। ऐसे में कैसे सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा का मंत्र सफल होगा ?

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