सहारनपुर(शिब्ली रामपुरी) बहुजन समाज पार्टी का दामन थामने के साथ ही जिस तरह से इमरान मसूद का क़द बसपा सुप्रीमो मायावती ने सर पर हाथ रख कर आशीर्वाद देते हुए पार्टी में बढ़ाया है उससे इमरान समर्थकों में जोशो खरोश से लेकर खुशी का माहौल है और वह इसे बसपा की मजबूती के साथ साथ इमरान मसूद के लिए भी एक अच्छा सियासी कदम और फैसला मान रहे हैं.
इमरान मसूद के यहां मुबारकबाद देने वालों का तांता लगा हुआ है और चुनावी मैदान में उतरने वाले संभावित प्रत्याशियों की भी भीड़ जुटनी शुरू हो गई है. दूसरी ओर सहारनपुर के सांसद हाजी फजलुर्रहमान की खामोशी रहस्यमई बनी हुई है. इमरान मसूद के बसपा में शामिल होने पर उनकी ओर से कोई खास प्रतिक्रिया तो नहीं सामने आई लेकिन इतना जरूर कहा गया था कि पार्टी में साथ मिलकर काम करेंगे मगर इमरान मसूद के स्वागत समारोह से लेकर उनके पार्टी में शामिल होने की ख़ुशी में लगे बड़े बड़े होर्डिंग/बैनर तक से सांसद फजलुर रहमान गायब हैं. जिससे साफ पता चलता है कि इमरान मसूद के बसपा में शामिल होने के बाद भले ही बसपा सुप्रीमो द्वारा उनको काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दी गई है लेकिन सहारनपुर में गुटबाजी में भी इजाफा हो गया है.
इमरान मसूद के बसपा में आने से खासतौर से सहारनपुर में बसपा को मजबूती मिली है लेकिन जिस तरह से बसपा के मौजूदा सांसद की रहस्यमई खामोशी सामने आ रही है उससे राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि निकाय चुनाव में कहीं इसका नुकसान बसपा को ना उठाना पड़े. जहां तक २०२४ के लोकसभा चुनाव की बात है तो उससे पहले इमरान मसूद को निकाय चुनाव में खुद को साबित करके दिखाना होगा और लोकसभा चुनाव का रास्ता निकाय चुनाव में इमरान मसूद के मजबूत जनाधार से ही निकल कर जाएगा कि इमरान मसूद को लोकसभा चुनाव में बसपा मैदान में उतारती है या फिर किसी और के नाम पर मुहर लगेगी.
मौजूदा सांसद हाजी फजलुर्रहमान के भी हर कदम पर जनता की निगाहें लगी हुई हैं.