पीड़ित १९३० पर साईबर फ्रॉड की तुरंत शिकायत करेंगे तो फ्रिज होगी ट्रान्जैक्शन*
चंडीगढ़, १० अक्टूबर – १९३० पर कॉल करके ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के माध्यम से खोई गई किसी भी राशि को वापस करना सुनिश्चित किया जा सकता है। जी हाँ, १९३० पर ऐसी शिकायतें मिलने के बाद, हरियाणा के साइबर पुलिस स्टेशन, रोहतक ने इस साल सितंबर में साइबर अपराधियों द्वारा ठगे गए २३.५० लाख रुपये ब्लॉक करवाए हैं। हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी साझा करते हुए बताया कि साइबर धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पुलिस अक्टूबर २०२२ को साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के रूप में मनाकर साइबर अपराध से संबंधित घटनाओं के बारे में नागरिकों को लगातार सचेत व् जागरूक भी कर रही है। साइबर अपराध के प्रति जागरूक होकर नागरिक साइबर धोखाधड़ी से बच सकते हैं। हालांकि, स्टेट साइबर क्राइम की एक अच्छी तरह से सुसज्जित और प्रशिक्षित टीम भी नागरिकों की गाढ़ी कमाई को बचाने के लिए लगातार काम कर रही है। ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साइबर जालसाज ऐप/एप्लिकेशन और बैंकिंग सिस्टम में सेंधमारी कर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। इस तरह नागरिकों को ठगी से बचाने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने पोर्टल तैयार किया है, जिसका एक हेल्पलाइन नंबर १९३० जारी किया है। जिस पर पीड़ित साइबर अपराध से संबंधित अपनी शिकायत दे सकते हैं। ऑनलाइन/साईबर ठगी का शिकार हुआ पीड़ित व्यक्ति तुरंत हैल्पलाइन नंबर पर शिकायत देता है तो फ्रॉड की जानकारी के आधार पर जिस अकाउंट में पैसा गया है साइबर अपराध डैस्क द्वारा उसी समय उस अकाऊंट को फ्रीज कर दिया जाएगा जिस अकाउंट में पीड़ित का पैसा ट्रांसफर हुआ है। बैंक अकाउंट फ्रीज होने के बाद ठगध्मालिक उससे पैसा निकाल नहीं पाएगा। साथ ही पीड़ित के अकाउंट से ट्रांसफर किए गए पूरे रुपये वापस पीड़ित के खाते में वापस ट्रांसफर कराए जाएंगे।
साइबर अपराध से संबंधित शिकायत डायल-११२ पर भी दर्ज की जा सकती है। अगर किसी कारण १९३० नंबर नही मिलता है तो आमजन डायल ११२ पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। दोनो नंबर चैबिस घंटे कार्य करते है। साइबर ठगी का शिकार होने पर पीड़ित जितनी जल्दी हो सके १९३० या ११२ पर कॉल कर शिकायत दर्ज करवाये। माह अक्तूबर के शुरू से ही प्रत्येक दिन पुलिस द्वारा लोगों को साइबर अपराधों के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है। इसी कडी मे स्कूल, कॉलेजों, विश्वविद्यालय, बस स्टैण्ड, ग्राम पंचायत व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर साइबर अपराध के बारे में जागरूक किया जा रहा है।